राष्ट्रीयसमाचार

ममता के पाले में फिर सेंध!

कैबिनेट बैठक से नदारद रहे राजीव बनर्जी समेत बंगाल के चार मंत्री
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी नेतृत्व से खिन्न हो कर कई वरिष्ठ नेताओं ने टीएमसी से नाता तोड़ा है। इसी बीच ऐसा लग रहा है कि ममता की मुसीबत और बढऩे वाली है, क्योंकि मंगलवार को बुलाई गई कैबिनेट बैठक से चार चेहरे नदारद रहे। राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है, कहीं ये नेता भी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलने का इरादा तो नहीं किए हुए हैं। वहीं, टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने आशंकाओं पर विराम लगाते हुए कहा, चारों नेताओं में से तीन ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर वैध स्पष्टीकरण पेश किया है।

चौथे नेता राजीव बनर्जी से शाम से पहले तक कोई बातचीत नहीं हो पाई। वे गत दिनों बगावत का संकेत दे चुके हैं। बंगाल सरकार में वन मंत्री और दोमजुर विधायक राजीव बनर्जी कुछ दिनों से बगावत के रास्ते पर चल रहे हैं। नवंबर में कोलकाता में एक रैली के दौरान, उन्होंने पार्टी में भाई-भतीजावाद और चाटुकारिता के बारे में बात करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी में ‘यस मैनÓ (हां में हां मिलाने वाले लोग) प्रमुखता से बढ़ रहे हैं और यह व्यक्तिगत निराशा का विषय है। बनर्जी के बयान हाल ही में भाजपा में शामिल होने वाले सुवेंदु अधिकारी के बयानों से मेल खाते हैं। गौरतलब है कि भाजपा का दामन छोडऩे से पहले अधिकारी ने भी इस तरह की बातें कही थीं। अधिकारी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि पार्टी में नेता अब पैराशूट या लिफ्ट के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। राजीव बनर्जी के कोलकाता में दिए इस बयान के बाद महासचिव पार्थ चटर्जी द्वारा उन्हें तलब किया गया। इस दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी बैठक में मौजूद रहे। वार्ता के बाद बनर्जी ने कहा कि पार्टी के साथ उनके मुद्दों को उनके पूर्व सहयोगियों विशेष रूप से अधिकारी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

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