नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कृषि कानून के मुद्दे पर उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मुलाकात का समय नहीं दिए जाने पर राजघाट पर धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र का हमारे किसानों के प्रति रवैया और राज्य के अधिकारों को कम आंकना सही नहीं है।


मुख्यमंत्री के रूप में, मेरे राज्य और मेरे लोगों के अधिकारों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। आपको बता दें कि घरने पर उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद हैं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम राष्ट्रीय ग्रिड से उन फंडों से बिजली खरीद रहे हैं जिनके साथ हम बचे हैं। त्रैमासिक जीएसटी प्राप्त करने की संवैधानिक गारंटी मार्च से पूरी नहीं हुई है और लंबित है। 10,000 करोड़ रुपये देय है। यह सौतेला व्यवहार गलत है। यह कोई मोर्चा-बंदी नहीं है। हमने पंजाब में स्थिति के बारे में बताने के लिए राष्ट्रपति से समय मांगा, जो उन्होंने नहीं दिया। इसलिए हमने सोचा कि हम इस मामले पर अपने विचार साझा करेंगे। मैंने पीएम से समय नहीं मांगा है लेकिन मैं उचित समय पर पहुंचूंगा।