

पल पल न्यूज: सिरसा, 15 अक्टूबर। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि नशा एक ऐसी दीमक है जो देश व समाज को धीरे-धीरे खोखला बना देती है, क्योंकि नशा बढऩे के साथ-साथ समाज में आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ती है। आपराधिक घटनाओं से समाज में सुख शांति प्रभावित होती है, हमें खुशहाल समाज के निर्माण के लिए सामूहिक दायित्व निभाना होगा और अपने जिला से नशे को पूर्णत: खत्म करना होगा। नशा मुक्ति भारत मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हर नागरिक संकल्प लें, विशेषकर युवा वर्ग इसमें आगे आकर अपना योगदान दें ताकि समाज को नई दिशा मिल सके। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण वीरवार को स्थानीय चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के सीवी रमन भवन के सेमिनार हॉल में नशा मुक्ति अभियान के तहत आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सीडीएलयू के रजिस्ट्रार राकेश वधवा, उप पुलिस अधीक्षक संजय बिश्रोई, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम नागपाल, मानव अधिकार परिषद हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष तरुण भाटी, उपाध्यक्ष गुरवेश सिवाच, रविंद्र सैनी मौजूद थे।
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि नशे से समाज को मुक्त करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि हमें नशा छोडऩा है तो दृढ़ निश्चय करना होगा। युवा अधिकतर तनावपूर्ण स्थिति के चलते नशे का शिकार होता है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उनकी समस्यायों का हल निकाल कर उन्हें तनाव से दूर करें। नशा हमारी सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक ख्याति को समाप्त कर देता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति यदि दृढ़ निश्चय कर ले तो इस नशे के जाल से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में इसकी प्रवृत्ति बेहद चिंता का विषय है। जो व्यक्ति नशा करता है, उसे न केवल शारीरिक नुकसान होता है अपितु आर्थिक तौर पर परिवार भी तरक्की के रास्ते से दूर हो जाता है। नशा करने वाले व्यक्ति के घर में कभी सुख और शांति नहीं रहती है। सीडीएलयू के रजिस्ट्रार राकेश वधवा ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय की तरफ से पूरा सहयोग किया जाएगा। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा नाटक तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरुक किया जाएगा। उप पुलिस अधीक्षक संजय बिश्रोई ने बताया कि जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा नशे पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। नशाखोरी की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाही की जाती है। सेमिनार में उपायुक्त ने उपस्थितजनों को नशा न करने व दूसरों को भी नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करने की शपथ दिलवाई।