

वाशिंगटन। चांद पर इंसानी बस्तियां बसाने की वैज्ञानिक उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं। दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की है। खास बात यह है कि पानी चंद्रमा की सतह पर ऐसे इलाके में मिला है जहां सूरज की किरणें पड़ती हैं। पानी की खोज नासा की स्ट्रेटोस्फियर ऑब्जरवेटरी फॉर इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (सोफिया) ने की है। इनका उपयोग पीने और रॉकेट ईंधन उत्पादन के लिए किया जा सकेगा। सोफिया ने चांद के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित और पृथ्वी दिखने वाले सबसे बड़े गड्ढों में से एक ‘क्लेवियसÓ में पानी के अणुओं (एच2ओ) का पता लगाया है। अब तक हुए अध्ययनों में चांद की सतह पर हाइड्रोजन के कुछ अंश का पता चला था, लेकिन पानी और पानी के करीबी हाइड्रॉक्सिल (ओएच) की जानकारी नहीं मिली थी। नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय में एस्ट्रोफिजिक्स विभाग के निदेशक पॉल हर्ट्ज ने कहा, पहले ऐसे संकेत थे कि चंद्रमा के सतह पर सूर्य की ओर एच2ओ हो सकता है। अब इसे वहां खोज लिया गया है। इस खोज चांद के बारे में अध्ययन और आगे बढ़ेगा।