राहुल-प्रियंका पीडि़त परिवार से मिलने हाथरस जा रहे, रास्ते में पुलिस ने रोका तो कार से उतरकर पैदल ही चल दिए; 4 साल पहले भी दोनों को सपा सरकार ने रोक दिया था


हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीडि़त की मौत के मामले में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी आज हाथरस जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने उन्हें रोका तो दोनों कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ गए। ग्रेटर नोएडा से हाथरस की दूरी 142 किलोमीटर है। उधर, हाथरस प्रशासन ने जिले में 31 अक्टूबर तक के लिए धारा 144 लगा दी। हाथरस की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। पीड़ित परिवार के गांव में बैरिकेड लगाए गए हैं। गौरतलब है कि 2016 में भी राहुल और प्रियंका गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मुलाकात करने के लिए नोएडा पहुंचे थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद दोनों को दिल्ली लौटना पड़ा था।
प्रियंका का सवाल- क्या पीडि़त परिवार को धमकाकर चुप कराना चाहती है सरकार?
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा है कि गैंगरेप की शिकार लड़की के पिता को जबरदस्ती ले जाया गया। सीएम से वीसी के नाम पर बस दबाव डाला गया। वे जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अभी पूरे परिवार को नजरबंद रखा है। बात करने पर मना है। क्या धमकाकर उन्हें चुप कराना चाहती है सरकार? हाथरस के मामले में प्रियंका लगातार योगी सरकार पर हमले कर रही हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री से 3 सवाल पूछे। सबसे बड़ा सवाल यही था कि परिजन से जबरदस्ती छीनकर पीड़ित के शव को जलवा देने का आदेश किसने दिया?
पुलिस ने कहा- दुष्कर्म की पुष्टि नहीं
हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर पर जख्मों की बात है, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
राहुल-प्रियंका के पहुंचने से पहले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पीड़ित के गांव तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें गांव के अंदर जाने से रोक दिया। विरोध में सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।