

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध को लेकर शाह ने दी रैली आयोजनों पर रोक लगाने की नसीहत
पल पल न्यूज: चंडीगढ़ , 13 जनवरी (जंगशेर राणा)। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर गठबंधन सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। आमजन को कृषि कानूनों का फायदा गिनाने के लिए सरकार ने कैमला में किसान महापंचायत का आयोजन किया। मगर किसान महापंचायत में बवाल और तोडफ़ोड़ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नाखुश दिखे। शाह ने महापंचायत के आयोजन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कड़ी फटकार लगाई है और प्रदेश में होनी वाली किसी भी प्रकार की रैली न करने की नसीहत दी है। शाह ने सरकार को कडी हिदायत दी है कि किसानों के विरोध को देखते हुए सरकार टकराव की स्थिति से बचे। वहीं निर्दलीय विधायकों तथा जजपा विधायकों की नाराजगी के मामले में भी शाह ने मनोहर लाल को कड़ी हिदायत दी है। विधायकों की नाराजगी गठबंधन सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है, लिहाजा शाह से मामले भी तुरंत हल करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री ने कृषि कानूनों के फायदे गिनाने के लिए की गई महापंचायत में हुए विरोध पर विस्तार से बातचीत की और प्रदेश में कानून व्यवस्था व किसान आंदोलन की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। सभी मामलों में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपना-अपना पक्ष रखा।
निर्दलीय विधायकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश जारी


कृषि कानूनों के साथ निर्दलीय तथा जजपा विधायकों का खड़ा होना सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री निर्दलीय विधायकों की नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, स्थिति को भांपते हुए निर्दलीय विधायक भी अपना हित देख रहे हैं। वहीं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी अपने सभी 10 के 10 विधायकों को बांधे रखने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि शाहाबाद से विधायक रामकरण काला कृषि कानूनों के समर्थन में अपना इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं और बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग पिछले लंबे समय से पार्टी से मुखर चल रहे हैं।
शिक्षा मंत्री बोले, सरकार पूरी मजबूत
सरकार में चल रही उठापठक की स्थिति पर शिक्षा मंत्री का तर्क है कि सरकार पूरी तरह मजबूत है, जब वे मजबूत हैं तो उन्हें किसी को बताने की जरूरत नहीं है। यही नहीं उनके पास नंबर भी पूरे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात में गठबंधन सरकार ने कई मुद्दों पर चर्चा की। गृह मंत्री ने सरकार के प्रबंधों पर संतुष्टि भी जाहिर की। भीड़ को रोकने के लिए सरकार की ओर से सबसे हल्का बल प्रयोग किया गया था।
किसानों को नहीं स्वीकार एससी का फैसला
शिक्षा मंत्री कंवरपाल का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से कृषि कानूनों पर रोक लगाकर कमेटी गठित कर दी है। इसलिए किसानों को आंदोलन खत्म कर घर लौटना चाहिए। उन्होंने भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर निशाना साधते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला भी स्वीकार नहीं है तो फिर देश की जनता ही फैसला देगी आप सही हैं या कोर्ट और सरकार सही है। उनका कहना था कि परिवार में जैसे परिस्थिति की बात मुखिया से होती है, उसी तरह से पार्टी और सरकार मे बातचीत सामान्य होती है।