नई दिल्ली। मास्क नहीं लगाने वालों से कोविड सेंटर में सेवा कराने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन बाद ही रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह कोविड सेंटर्स पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन सुनिश्चित करे। सुप्रीम कोर्ट ने माना की हाईकोर्ट का आदेश पालन करने लायक नहीं है। इससे लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि लोग बिना मस्क पहने मॉल और शादी-पार्टियों में जा रहे हैं।


मास्क पहनने को सख्ती से लागू करना जरूरी है। दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था कि राज्य में मास्क नहीं पहनने वालों को कोरोना सेंटर में 5-6 घंटे सेवा करनी पड़ेगी। इस सेवा के दिन 5 से 15 तक हो सकते हैं। ये दिन बिना मास्क पकड़े जाने वालों की उम्र और मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए तय किए जाएंगे। राज्य सरकार को इस आदेश पर नोटिफिकेशन जारी करने को भी कहा था। हाईकोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। बेंच ने कहा कि मास्क नहीं पहनने वालों से सिर्फ जुर्माना वसूलना काफी नहीं है। बिना मास्क वालों से सेवा करवाने के लिए सरकार किसी संस्था को जिम्मेदारी सौंपे। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह एक अहम मुद्दा है, मास्क लगाना सभी के लिए जरूरी है।